न्यूज चैनल और न्यूज पेपर वालों से दो टूक सवाल
*धधकती हुई चिताएं, मरीजों से भरे हॉस्पिटल, परेशान परिजन, सजी हुई अर्थीयां दर दर भटकते परिजन, भुख से तड़पते राहगीर।*
*आखिर यह सब दिखाकर क्या जताना चाहते हैं हमारे न्यूज चैनल ।*
*महामारी है हम सबको पता है।*
*आउट ऑफ कंट्रोल है यह भी सबको पता है।*
*आप रिपोर्टिंग करिए:-*
*ठीक हुए मरीजों का इंटरव्यू कराइए।*
*ऑक्सीजन सिलेंडर कहां मिल रहा है यह बताइए।*
*प्लाज्मा डोनर्स का डेटाबेस बनाए।*
*किस हॉस्पिटल में बेड खाली है यह बताएं।*
*एंबुलेंस सर्विस की डिटेल दें।*
*सेवा करने के लिए प्रेरित कीजिए।*
*कहां सुविधा उपलब्ध है उसकी जानकारी दीजिए।*
*जन प्रतिनिधियों को सामाजिक सेवा के लिये उकसाइऐ और मजबूर कीजिए।*
*लेकिन नहीं आपको तो सनसनी चाहिए।*
*घबराहट फैला कर क्या साबित करना चाहते हैं आप....?*
*इतना डर का माहौल बना दिया गया है कि स्वस्थ व्यक्ति भी बीमार पड़ता जा रहा है।*
*अगर किसी का मनोबल ऊंचा नही कर सकते तो तोडिऐ भी नही।*
*केवल अपने पेपर और चैनल की टीआरपी ही मत बढ़ाइए।*
*समस्याओं का समाधान भी ढूढे और ढूढ़ने मे मदद करें।*
*सहमत है तो सब मिल कर आवाज उठाईये और अपने शुभचिंतकों का हौसला बढ़ाइए।*
*नोट :-*: *अगर आप सभी सम्मानित साथी मेरी बात से सहमत हैं तो नैतिकता के आधार पर इस संक्षिप्त लेख को जरूर शैयर करे*।
*धन्यवाद*
🙏🙏🙏
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