यह अंग्रेज या अंग्रेजी पढें लोगों का षडयंत्र लगता है।

 *इतिहास*

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आज इतिहास को साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर, फिर से लिखने की आवश्यकता है। इसके पहले जो भी इतिहास लिखा गया, वह विचारधारा से प्रेरित है। कहीं-कहीं तो इसमें चापलूसी झलकती है। 

      इतिहासकारों का एक ऐसा पैनल बनाया जाए जो किसी विचारधारा से ग्रस्त न हो। यह पैनल साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर इतिहास का गहन अध्ययन करके इतिहास का लेखन करे। फिर यही इतिहास बच्चों को पढाया जाए।इतिहास भारत का, साक्ष्य यूनान के, विचारधारा चीन की लेकर  इतिहास रचा गया, लिखा नहीं गया। यह अंग्रेज या अंग्रेजी पढें लोगों का षडयंत्र लगता है।

      वास्तव में भारत के इतिहास को भारतीय संस्कृति /संस्कार /साक्ष्यों /तथ्यों के आधार पर भारतीयों द्वारा लिखा जाना चाहिए।क्योंकि भारतीय लोग भारतीय संस्कृति को जिया और उसी के साक्ष्य छोड़कर गये।

            

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